कांग्रेस में अकेले पड़ गए दिग्विजय सिंह, कमलनाथ ने भी नहीं दिया साथ

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अयोध्या में श्री राम मंदिर शिलान्यास के मुहूर्त के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए। यहां तक कि उनके 40 साल पुराने दोस्त श्री कमलनाथ ने भी उनका साथ नहीं दिया। एक बार भी नहीं कहा कि मुहूर्त के मामले में वह दिग्विजय सिंह से सहमत हैं। उल्टा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से आधिकारिक तौर पर शिलान्यास का उत्सव मनाया गया।

दिग्विजय सिंह का कहना था कि शिलान्यास का मुहूर्त गलत है

पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह भूमिपूजन के मुहूर्त को अशुभ बता रहे थे। बीते पांच दिन में दिग्विजय ने इस मुद्दे को लेकर कई ट्वीट किए। बुधवार को भूमि पूजन से पहले उन्होंने ट्वीट कर कहा- आज अयोध्याजी में भगवान रामलला के मंदिर का “शिलान्यास” वेद द्वारा स्थापित ज्योतिष शास्त्र की स्थापित मान्यताओं के विपरीत हो रहा है, हे प्रभु हमें क्षमा करना। यह निर्माण निर्विघ्न रूप से पूरा हो यही हमारी आप से प्रार्थना है। जय सिया राम। 

दिग्विजय सिंह की साधु-संत मंडली ने भी साथ नहीं दिया

मुहूर्त के समय को लेकर आपत्ति जताने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने श्री दिग्विजय सिंह को राम विरोधी बताया। श्री दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि वह मंदिर निर्माण के विरोध में नहीं है लेकिन मुहूर्त के निर्धारण पर उन्हें आपत्ति है। वह अपनी आपत्ति लगातार जताते रहे लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि साधु संतों की वह मंडली जो अक्सर उनके आसपास घूमती है उसने भी मुहूर्त के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह का साथ नहीं दिया। 

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