जांच के लिए मुंबई गए पटना के आईपीएस अफसर को क्वारैंटाइन किया; नीतीश कुमार ने कहा- यह अच्छा नहीं हुआ

- विनय तिवारी के हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लगाते हुए उन्हें अगले आदेश तक एक घर में रहने को कहा गया है
- बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा- रिया सामने आएं और जांच में साथ दें, ऐसा नहीं है कि सामने आते ही हम उन्हें सूली पर लटका देंगे
सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच में अब महाराष्ट्र और बिहार पुलिस आमने-सामने आ गई हैं। जांच के लिए रविवार को मुंबई पहुंचे पटना के एसपी विनय तिवारी को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने क्वारैंटाइन कर दिया। उनके हाथ पर क्वारैंटाइन की मुहर लगाते हुए उन्हें अगले आदेश तक एक घर में रहने को कहा गया है। मतलब साफ है कि वे अब जांच के लिए किसी से मिल नहीं सकेंगे।
तिवारी को क्वारैंटाइन किए जाने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं हुआ। बिहार पुलिस सिर्फ अपना काम कर रही है। इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

बिहार पुलिस का आरोप- जबरदस्ती क्वारैंटाइन किया
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने ट्वीट किया, ‘आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी पुलिस टीम का नेतृत्व करने के लिए ऑफिशियल ड्यूटी पर पटना से मुंबई पहुंचे, लेकिन उन्हें रात 11 बजे बीएमसी के अधिकारियों ने जबरन क्वारैंटाइन कर दिया। अनुरोध के बावजूद उनकी आईपीएस मेस में रहने की व्यवस्था नहीं की गई। अब उन्हें गोरेगांव के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है। इस पर महाराष्ट्र के डीजीपी से बात करूंगा।’
बीएमसी की सफाई- नियम के हिसाब से क्वारैंटाइन किया गया
बीएमसी की ओर से कहा गया कि हमने सरकारी आदेशों का पालन करते हुए और नियम के मुताबिक से तिवारी को क्वारैंटाइन किया। अगर उनमें किसी तरह के कोरोना के लक्षण नजर आते हैं तो आने वाले समय में उनका स्वैब टेस्ट भी करवाया जाएगा। राज्य सरकार ने 25 मई को आदेश जारी किया था। इसमें देश में कहीं से भी विमान यात्रा कर आने वाले लोगों के लिए नियम तय किए गए थे। तिवारी भी बिहार से विमान से मुंबई आए थे। लिहाजा उन पर भी यह नियम लागू होता है।