राजस्थान की सियासी उठापटक : सीएम गहलोत बोले- प्रधानमंत्री को राजस्थान का तमाशा रोकना चाहिए

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  • जयपुर के फेयरमॉन्ट होटल में 18 दिन बाड़ेबंदी के बाद गहलोत ने अपने विधायक जैसलमेर शिफ्ट किए
  • जयपुर में केंद्रीय जांच एजेंसी की बड़ी कार्रवाई की आशंका समेत 5 वजहों से जैसलमेर को चुना

सियासी उठापटक के बीच अपने गुट के विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री को राजस्थान में चल रहा तमाशा रोकना चाहिए। यहां हॉर्स ट्रेडिंग के रेट बढ़ गए हैं। गहलोत ने केंद्रीय मंत्री और जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में शेखावत का नाम आ चुका है। कोर्ट ने भी जांच के निर्देश दिए हैं। ऐसे में शेखावत को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।

खरीद-फरोख्त का खतरा बढ़ने की वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने गुट के विधायकों को राजधानी जयपुर से 570 किलोमीटर दूर जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस होटल में पहुंचा दिया है। खुद गहलोत 15 मंत्री और 73 विधायकों समेत कुल 88 विधायक शुक्रवार को शिफ्ट हो गए। 4 विधायकों के शनिवार को जैसलमेर पहुंचने और गहलोत के जयपुर लौट आने के आसार हैं।

विधायक संयम लोढ़ा होटल सूर्यगढ़ पैलेस में।

विधानसभा सत्र 14 अगस्त से, विधायक उसी दिन लौटेंगे
गहलोत के 6 मंत्रियों समेत 14 विधायक अभी बाहर हैं। इनमें बीमार चल रहे 3 विधायक- परसराम मोरदिया, मास्टर भंवरलाल मेघवाल और बाबूलाल बैरवा हैं। 6 मंत्रियों, 3 बीमार विधायकों और स्पीकर को छोड़ गहलोत गुट के बाकी बचे 4 विधायकों के आज जैसलमेर पहुंचने के आसार हैं। विधानसभा का सत्र 14 अगस्त को शुरू होगा। तब तक विधायकों के जैसलमेर में ही रहने की उम्मीद है।

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