गुना दलित दंपति कांड में फेल हुए IAS को मुख्यमंत्री ने MD MPT बनाया

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जब किसी घटना के बाद सरकार उस जिले के कलेक्टर एसपी को हटाती है तो आम जनता के बीच इस प्रक्रिया को दंड और न्याय के रूप में प्रचारित किया जाता है परंतु असल में ऐसा नहीं होता। गुना जिले में दलित दंपत्ति की मारपीट के मामले में कलेक्टर पद से हटाए गए एस विश्वनाथन को मात्र 3 महीने भी लूप लाइन में नहीं रखा उल्टा MD MPT जैसी पावरफुल पोस्टिंग दी गई है। मैनेजमेंट की रूलबुक कहती है कि ऐसी स्थिति में अधिकारी को कम से कम 3 महीने का अध्ययन अवकाश दिया जाना चाहिए ताकि वह इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के गुर सीख सके।

एस विश्वनाथन: कलेक्टर के पद से हटाया था मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया

मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार उप सचिव और 2008 बैच के IAS अधिकारी एस विश्वनाथन को पर्यटन विकास निगम का एमडी बनाया है। एस विश्वनाथन भारतीय प्रशासनिक सेवा के वही अधिकारी हैं जो गुना कलेक्टर के पद पर रहते हुए शासकीय जमीन पर हुआ अतिक्रमण हटवाने में न केवल विफल रहे बल्कि एक भूमाफिया की साजिश में फंस कर सरकार की किरकिरी करा बैठे।

मामला क्या था गुना जिले में सरकारी कॉलेज के लिए आरक्षित की गई जमीन पर गब्बू पारदी नाम के एक नेता का वर्षों से कब्जा चला रहा है। गब्बू पारदी सरकारी जमीन को खेती के लिए बटाई पर देता है। इस साल उसने सरकारी कॉलेज वाली जमीन राजकुमार अहिरवार को बटाई पर दी थी। जब कलेक्टर को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने सरकारी जमीन पर बोई गई फसल नष्ट करवाने के लिए पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अमला भेज दिया। मौके पर पहुंची टीम एक ऐसी साजिश की शिकार हो गई जिसकी जानकारी आसपास के सभी लोगों को थी। इस मामले में कलेक्टर इसलिए दोषी हैं क्योंकि ना तो वह सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा पाए और ना ही पुलिस कर्मियों द्वारा मजदूरों की मारपीट के मामले को जातिवाद के रंग में रंगने से रोक पाए।

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