यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा

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यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर दिया है. छात्रों ने फाइनल ईयर की परीक्षा न कराए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

फाइनल ईयर की परीक्षा करवाए जाने को लेकर यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि देश भर के कॉलेज के फाइनल ईयर एग्जाम रद्द नहीं किए जा सकते. यूजीसी ने दलील देते हुए कहा कि एग्जाम रद्द करने से पढ़ाई की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा. यूजीसी का कहना है कि एग्जाम न देने से छात्रों के एकेडमिक समझ पर भी ऐसा असर होगा जिसका कभी भरपाई नहीं हो पाएगा.

अलग से एग्जाम कराने की कही बात
हलफनामे में कहा गया है कि ज़्यादातर इलाकों में एग्जाम कराने की स्थिति है. लेकिन जहां पर हालात ठीक नहीं है वहां हालात ठीक होने पर एग्जाम कराए जा सकते है. या फिर छात्रों को ये विकल्प दिया जा सकता है कि अगर वह सितंबर का एग्जाम नहीं दे सकते तो हालात ठीक होने पर उनके लिए अलग से एग्जाम कराया जाएगा. लेकिन एग्जाम को किसी भी हालत में रद्द नहीं किया जा सकता.

30 सितंबर तक कॉलेजों को करवानी होगी फाइनल ईयर की परीक्षा
यूजीसी द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक सभी कॉलेजों को 30 सितम्बर तक फाइनल ईयर एग्जाम पूरा करना है. इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई थीं. इन याचिकाओं में छात्रों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए परीक्षा को कैंसिल करने की मांग की गई थी. छात्रों का कहना था कि उनके पिछले एग्जाम के आधार पर नंबर देकर रिजल्ट जारी किया जा सकता है या सीबीएसई बोर्ड के मॉडल को अपनाते हुए जो छात्र चाहें उनके लिए बाद में परीक्षा देने की व्यवस्था करवाई जा सकती है. लेकिन अभी परीक्षा करवाए जाने से छात्रों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर यू जी सी से जवाब मांगा था. शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.

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