राफेल की कुछ देर में अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग

0

राफेल विमान फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आ रहे है. भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था.

भारतीय वायुसेना को काफी लंबे वक्त से जिस लड़ाकू विमान का इंतजार था, वो राफेल विमान आज भारत को मिलने वाले हैं. फ्रांस के साथ हुए सौदे के तहत राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप हरियाणा के अंबाला एयरबेस पहुंच रही है. इन 5 राफेल जेट को रिसीव करने के लिए एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर मौजूद हैं. सुरक्षा के लिहाज में अंबाला में धारा 144 लागू कर दी गई है.

27 जुलाई को फ्रांस के मेरिग्नाक बेस से 5 राफेल लड़ाकू विमान भारत के लिए रवाना हुए थे. लगातार 7 घंटे तक उड़ान भरते हुए कल शाम को अबूधाबी के करीब अल-दफ्रा फ्रेंच एयरबेस पर पहुंचे. थोड़ी देर में ये विमान अंबाला एयरबेस पर लैंड कर जाएंगे.

पांच राफेल विमानों को 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कमांडिंग आफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह की अगुवाई में पायलट फ्रांस से लेकर भारत आ रहे हैं. इस बीच रक्षा मंत्रालय की ओर से एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें भारतीय एयरस्पेस में राफेल विमानों के घुसने के बाद उन्हें दो सुखोई लड़ाकू विमान एस्कॉर्ट करते हुए अंबाला एयरबेस ला रहे हैं.

UAE की सरजमीन से जब राफेल विमानों ने उड़ान भरी तो कुछ ही देर बाद भारतीय वायुसीमा में एंट्री ली. जब ये विमान अरब सागर से निकले तो INS कोलकाता कंट्रोल रूम से ही उनका स्वागत किया गया. इस दौरान INS कोलकाता कंट्रोल रूम की ओर से कहा गया, ‘इंडियन नेवल वॉर शिप डेल्टा 63 ऐरो लीडर. मे यू टच द स्काई विद ग्लोरी, हैप्पी हंटिंग. हैप्पी लैंडिंग.’

राफेल विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हो गए हैं. कंट्रोल रूम ने इन पांचों विमानों का स्वागत किया और बेस्ट ऑफ लक कहा. ये विमान 3 बजे से पहले अंबाला पहुंच जाएंगे.

इस फाइटर को दुनिया के सबसे एडवांस और सबसे ख़तरनाक फाइटरों में गिना जाता है. दुनिया की सबसे ख़तरनाक हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिटिओर मिसाइल से राफेल लैस है और पाकिस्तान और चीन सीमा के किसी भी ख़तरे से पलक झपकते निपट सकेगा.

कोरोना के चलते माना जा रहा था कि राफेल की डिलीवरी में देरी हो सकती है लेकिन जून के पहले हफ्ते में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल के मंत्री फ्लोरेंस के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी जिसमें फ़्रांस ने कोरोना के बावजूद फाइटरो की डिलीवरी को तयशुदा समय में ही करने का आश्वासन दिया था और उसी के तहत कोरोना काल में भी भारत में राफेल विमानों के सही समय पर आने का रास्ता साफ हुआ.

Leave a Reply