जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा-2020 : मप्र के उम्मीदवारों को होगा नुकसान

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कई अन्य राज्यों ने अपने उम्मीदवारों को लाभ देने के लिए कर रखी है व्यवस्था

पीईबी द्वारा जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा-2020 की रूलबुक जारी करते ही उम्मीदवार सवाल खड़े करने लगे हैं। समय पर भर्ती नहीं होने से अनारक्षित वर्ग के ओवरएज उम्मीदवार आयु 37 सीमा साल करने की मांग कर रहे हैं। वर्गवार बनाए आरक्षण रोस्टर को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। 282 पदों के लिए यह भर्ती ऑल इंंडिया स्तर पर निकाली गई है। ऐसे में अन्य प्रदेशाें के उम्मीदवार भी इसमें शामिल हो सकेंगे। इससे मप्र के मूल निवासी को नुकसान होगा। मप्र युवा बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश चौहान का आरोप है कि भर्ती ऑल इंडिया स्तर पर निकालने से मप्र के युवाओं के अवसर छिनते हैं। अन्य राज्य मूल निवासियों को लाभ देते हैं। संघ द्वारा मप्र के मूल निवासियों के लिए 95% सीट व बाहरी राज्यों के उम्मीदवारों के लिए 5% सीट रिजर्व करने की मांग उठाई जा रही है।

इस तरह अपने उम्मीदवारों को लाभ दे रहे अन्य राज्य

1. छत्तीसगढ़ में 14 हजार पदों के लिए निकली शिक्षक भर्ती के साथ ही पुलिस भर्ती में मूल निवासियों को पात्र माना।
2- उत्तराखंड में निकाली गई अकाउंट क्लर्क व स्टेनोग्राफर भर्ती के विज्ञापन में लिखा है कि वही अभ्यर्थी पात्र होगा, जिसने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट अथवा समकक्ष स्तर की शिक्षा राज्य में स्थित मान्यता प्राप्त संस्थानों से की हो।

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