निगम का दावा- 170 फल-सब्जी बेचने वालों को दी परमिशन, काॅलोनियों में नजर नहीं आईं गाड़ियां

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निगम की सप्लाई व्यवस्था फेल, 40 रुपए/किलो तक महंगी बिकी सब्जियां

लॉकडाउन होने के तीन दिन बाद भी नगर निगम सब्जी सप्लाई व्यवस्था का काेई ठोस प्लान नहीं बना पाया है। दावा था-170 वाहनों से शहर में सब्जियां बेची जाएंगी, लेकिन इक्का दुक्का जगह ही ये वाहन नजर आए। इसका असर यह रहा कि शहर में मनमाने दाम पर सब्जियों की बिक्री हुई। लॉकडाउन से पहले तक टमाटर 50-60 रुपए किलो मिल रहा था। वह साेमवार को 100 रुपए किलो तक बिका। अन्य सब्जियों के दाम भी 10 से 20 रुपए प्रति किलो तक ज्यादा थे।

इसलिए नहीं हुई सब्जियों की पूर्ति

शहर के बाहर 6 स्पॉट पर थोक सब्जी बिकना थी उनमें से कजलीखेड़ा और भदभदा रोड के रातीबड़ पर ही किसानों और व्यापारियों की आवाजाही देखी गई। लांबाखेड़ा व फंदा में कुछ किसान ही नजर आए। नतीजा- शहर में सब्जी की दुकान लगाने वाले व्यापारियों ने बासी फल व सब्जी मनमाने दाम पर बेचे।

उपवास था, नहीं मिले फल
कोटरा सुल्तानाबाद में रहने वालीं सुनीता चौरसिया बताती हैं कि सावन सोमवार के उपवास के कारण फल चाहिए थे। काफी मशक्कत के बाद ऑर्डर किए तब कहीं, 40 रुपए दर्जन के केले 60 रुपए में मिले।

सीधी बात- वीएस चौधरी कोलसानी, कमिश्नर, नगर निगम

  • रेट कंट्रोल के आदेश सख्ती से लागू करेंगे हमने 170 वाहनों को अनुमति दी है। सभी को पास जारी कर दिए हैं। दस दिन के लॉक डाउन के हिसाब से यह पर्याप्त है। यह गाड़ियां शहर में नजर क्यों नहीं आ रहीं हैं? सभी खरीदी केंद्रों पर सब्जी कम आई। और व्यापारी भी गाड़ी लेकर नहीं पहुंचे। अप्रैल में जिला प्रशासन ने सब्जी के रेट फिक्स कर दिए थे। ऐसा अब क्यों नहीं? हमने उस आदेश को दिखवाया है। रेट कंट्रोल के आदेश को सख्ती से लागू करेंगे। कालाबाजारी की शिकायत पर प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई करेंगे।

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