भोपाल में आज मिले 177 नए केस, जीएमसी के दो डॉक्टरों समेत 4 डॉक्टर पॉजिटिव

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  • भोपाल में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 5720 पर पहुंचा
  • रविवार को 4 लोगों की कोरोना से मौत, संख्या 158 हुई

सोमवार को राजधानी में फिर 177 नए केस सामने आए। रविवार को 199 मरीज मिले थे। नए संक्रमितों में जीएमसी के दो डॉक्टर समेत कुल 4 डॉक्टर भी पॉजिटिव निकले। रविवार को कुल 77 मरीज ठीक होकर घर पर भी पहुंचे। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5720 हो गई है। रविवार को 4 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई। इसके साथ ही मरने वालों का आंकड़ा 158 हो गया है।

1991 MBBS Alumni Batch of Gandhi Medical College Bhopal Gather at ...

राजधानी में करीब 10 दिन से हर रोज कोरोना के सौ ज्यादा केस आ रहे हैं और आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। पहले संक्रमितों की संख्या 100 और उसके आसपास होती थी और अब आंकड़ा दोगुने स्तर पर जाकर 200 और उसके आसपास हो गया है। राजधानी में संक्रमण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

अब शहर के हर इलाके से मिल रहे कोरोना संक्रमित
सोमवार को आई कोरोना रिपोर्ट में जीएमसी के दो डॉक्टरों समेत चार डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव आए हैं। वहीं एमपी स्टेट ओपन बोर्ड से एक व्यक्ति संक्रमित हुआ है। बैरागढ़ निवासी एक ही परिवार के 4 सदस्य संक्रमित हुए हैं। इधर, जहांगीराबाद से 4, चार इमली से 3 नए केस के साथ शहर के शाहजहांनाबाद, साकेत नगर, कोहेफिजा, अरेरा कॉलोनी, ईदगाह हिल्स, अयोध्या बायपास समेत कई क्षेत्रों से मिले संक्रमित लोग मिले हैं।

पूरे शहर में सन्नाटा, गलियों में एक-दो सब्जी ठेले वाले ही दिख रहे
भोपाल में सोमवार को लॉकडाउन का तीसरा दिन है, सावन सोमवार भी है, लेकिन मंदिरों के पट बंद हैं। लोगों ने घर पर ही पूजा-अर्चना की है। इधर, नगर निगम के तमाम दावों के बावजूद निगम के सब्जी वाहन गलियों में सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। सोमवार से हर वार्ड में दो सब्जी वाहनों की अनुमति नगर निगम ने दी है। करीब 170 वाहनों से सब्जियां भेजी जा रही हैं। रविवार को लोगों को सब्जी के लिए खासी दिक्कतें आईं, ठेलों ने मनमानी दाम पर सब्जियां बेचीं।

पॉजिटिव मिलने पर आसपास के 1 हजार घरों का सर्वे होता था, अब सिर्फ 5 घरों तक सिमटा
राजधानी में कोरोना की दस्तक 4 महीने 5 दिन पहले 22 मार्च को हुई थी। अब शहर में मरीजों का आंकड़ा साढ़े मरीजों के पार पहुंच गया है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे से लेकर सैंपलिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग से लेकर कंटेनमेंट तक हर प्रक्रिया का प्रोटोकॉल अब बदल चुका है।

पहले जिस घर में एक पॉजिटिव आता था, उसके आसपास के 1 हजार घरों का सर्वे होता था, लेकिन अब यह केवल 5 घरों तक सिमट गया है। जहां तक सैंपलिंग की बात है तो पहले किसी व्यक्ति क कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उसके संपर्क में आने वाले लोगों के सैंपल पहले दिन ही ले लिए जाते थे। अब हाई रिस्क और लक्षण नजर आने वालों के सैंपल 24 से 48 घंटे में जबकि बाकी लोगों के सैंपल हफ्तेभर बाद लिए जाते हैं।

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