शासन का दावा कोरोना से मौत मामले में पहली अनुकंपा

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जान गंवाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमलता की बेटी को 50 लाख रुपए मदद के बाद नौकरी मिली
  • ग्वालियर की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमलता वर्मा की 28 जून को कोरोना से मौत हो गई थी
  • मंत्री इमरती देवी ने कहा- ड्यूटी पर लगाई गई कार्यकर्ताओं की मौत पर सीधे नियुक्ति मिलेगी

मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 28 जून को कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमलता वर्मा की बेटी को अनुकंपा नियुक्ति मिल गई है। उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नौकरी दी गई है। शासन का दावा है कि कोरोना से मरने के मामले में किसी को अनुकंपा देने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला राज्य है। अब आगे भी ड्यूटी पर लगाई गई कार्यकर्ताओं की मौत पर योग्य सदस्य को सीधे नियुक्ति दी जाएगी। इससे पहले प्रीति को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जा चुकी है।

महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने शनिवार को ग्वालियर में प्रीति को नियुक्ति पत्र खुद सौंपा। उन्होंने बताया कि 50 वर्षीय हेमलता को बीमार होने के बाद 24 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान 28 को उनकी मौत हो गई थी। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद ग्वालियर प्रवास के दौरान कुछ दिन पहले ही शिवराज ने प्रीति को 50 लाख रुपए दिए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सर्वव्यापी महामारी कोविड-19 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका भी कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रही है। अत: यह निर्णय लिया गया है कि इस दौरान ड्यूटी करते हुए मौत होने पर तथा भविष्य में भी राष्ट्रीय/ राज्य स्तरीय आपदा घोषित होने पर अगर इनकी ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार की योग्य महिला सदस्य को महिला-बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा सीधे नियुक्त देगा।

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