PM को कमलनाथ की चिट्ठी, देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में आया हुआ है भूचाल

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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बाद एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि एमपी की निर्वाचित सरकार को गिराया जाना भारत के प्रजातंत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि उन अवसरवादी नेताओं को अपनी सरकार और दल में स्थान न दें, जिन पर प्रजातांत्रिक मूल्यों का सौदा करने का आरोप है, ताकि लोकतांत्रिक मूल्य जीवित रह सकें। कांग्रेस विधायकों के लगातार इस्तीफे देकर भाजपा में शामिल होने के बाद नाथ ने यह पत्र लिखा है।कमलनाथ ने अपने इस पत्र में मोदी से कहा है कि दशकों के अथक प्रयास से हम सबने मिलकर भारत को विश्व का सबसे परिपक्व प्रजातंत्र बनाया है और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अनुसार हमारे संविधान का सबसे खूबसूरत पहलू इसका संघीय स्वरूप है। उन्होंने लिखा है कि भारत की संघीय व्यवस्था के कारण ही सम्पूर्ण विश्व में हमारे प्रजातंत्र की एक विशेष पहचान है, लेकिन विगत कुछ समय से बाबा साहेब की भावनाओं को आहत करते हुए भारत के संघीय व्यवस्था पर निरंतर प्रहार किया जा रहा है।

बीजेपी अनैतिक तरीके से सरकार गिरा रही है
कमलनाथ ने कहा कि जिन राज्यों में केंद्र सरकार से इतर, दूसरे दलों की सरकारें हैं, उन्हें अनैतिक तरीके से गिराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एमपी की निर्वाचित सरकार को गिराया जाना भारत के प्रजातंत्रिक इतिहास के सबसे घृणित कृत्यों में से एक है। यह सोचकर दिल दहल जाता है कि जब एक ओर मानव समाज अपने अस्तित्व की लड़ाई कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा था, तब दूसरी ओर बीजेपी के वरिष्ठ नेता एमपी के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सहित 22 मंत्रियों और विधायकों को लेकर एमपी की सरकार गिराने के लिए बेंगलुरू चले गये और प्रदेश के नागरिकों को महामारी की आग में झोंक दिया।

CM Kamal Nath meets PM Modi, discusses issues concerning M.P. ...

लॉकडाउन नहीं होने दिया
उन्होंने आगे लिखा है कि चर्चा यह भी है कि एमपी में कई मौकापरस्त, मतलबी, लोभी नेताओं ने कांग्रेस की सरकार गिराने तक देश में लॉकडाउन को 24 मार्च के पहले लागू नहीं होने दिया। अभी भी एमपी में बीजेपी द्वारा प्रतिपक्षीय विधायकों को प्रलोभित करके उनके इस्तीफे कराकर बीजेपी में शामिल कराया जा रहा है और ऐसे अनैतिक कृत्य के उपचुनावों का बोझ प्रदेश के नागरिकों पर डाला जा रहा है।

ऐसे लोगों को अपनी पार्टी में जगह नहीं देंगे
कमलनाथ ने कहा कि मेरी चिंता सिर्फ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के गिरने तक सीमित नहीं है, बल्कि आज देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में एक भूचाल आया हुआ है और ऐसी शंका है कि इसका केंद्र बिंदू केन्द्र में निहित है। कमलनाथ ने आगे लिखा कि लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी शंकाएं निराधार साबित होंगी और आप भारत के लोकतंत्र की गिरती हुई साख को बचाने के लिए आगे आएंगे और ऐसे अवसरवादी नेताओं को अपनी सरकार एवं दल में कोई स्थान नहीं देंगे, जिन पर प्रजातांत्रिक मूल्यों का सौदा करने का आरोप है ताकि हम भारत राष्ट्र की वैश्विक पटल पर स्थापित लोकतांत्रिक निष्पक्षता, पारदर्शिता और परिपक्वता की पहचान को बरकरार रख पाएंगे। गौरतलब है कि कांग्रेस के अब तक 25 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।

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