कमलनाथ ने कहा – पहली कैबिनेट मीटिंग में ही अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाएगा

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कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं उपचुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ एक बार फिर चुनावी वादे करने लगे हैं। अतिथि शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर कमलनाथ ने वादा किया है कि यदि उप चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो पहली ही कैबिनेट मीटिंग में अतिथि शिक्षकों को नियमित कर देंगे। 

3 महीने से ज्यादा प्रदर्शन किया, कोई मिलने तक नहीं आया 

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा प्रसन्नता अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान एवं संविदा कर्मचारियों को ही हुई थी। उन्होंने खुलेआम जश्न मनाया था। शुरुआत के 3 महीने इंतजार किया और फिर मेल मुलाकात का सिलसिला शुरू हुआ। कमलनाथ और कर्मचारियों के बीच सेतु का काम करने वाले विधायक जीतू पटवारी को मंत्री बनाया गया।

Jitu Patwari on Twitter: "काँग्रेस विधायक दल ...
फ़ाइल फ़ोटो

अतिथि एवं संविदा ने शुरुआत के 6 महीने में जीतू पटवारी को 500 से ज्यादा गुलदस्ते भेंट करके वचन याद दिलाया परंतु वह हमेशा मामले को डालते रहे। राजधानी में 3 महीने से ज्यादा प्रदर्शन हुआ। महिलाओं ने मुंडन कराया लेकिन कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उल्टा दो बातें स्पष्ट कर दी गई।

  • वचन पत्र में नियमितीकरण का वादा नहीं किया था बल्कि नियमितीकरण की नीति बनाने का वादा किया था। 
  • वचन पत्र 5 साल के लिए होता है। 

कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक अतिथि विद्वान धरना प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी अंतिम मांग थी कि फालेन आउट अतिथि विद्वानों को सेवा में बनाए रखने की घोषणा जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से की है, उसका लिखित आदेश जारी कर दें। कमलनाथ ने इस्तीफे पर हस्ताक्षर किए परंतु जीतू पटवारी ने सर्कुलर पर हस्ताक्षर नहीं किए।

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