राजस्थान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान

18 महीने से सचिन पायलट के साथ नहीं हुई कोई बात, सरकार के खिलाफ पहले दिन से रच रहे थे साजिश

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि वह पिछले 18 महीनों से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ बात नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पहले दिन से पायलट उनकी सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे।

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में गहलोत ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी। एक मंत्री जो मुख्यमंत्री से बात नहीं करता है, उसकी सलाह नहीं लेता है, उसके साथ कोई संवाद नहीं रखता है… विरोध हो सकता है लेकिन लोकतंत्र में बातचीत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 में सरकार बनने के बाद से ही पायलट सरकार को गिराने की साजिश कर रहे थे।

गहलोत ने कहा कि उनके पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है, जबकि पायलट के साथ 12-15 विधायक थे। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन वह सरकार गिराना चाहते हैं और बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाना चाहते हैं। गहलोत ने कहा कि लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे।

पायलट बीजेपी में शामिल होना चाहते थे लेकिन….

गहलोत ने कहा कि पायलट शुरू में बीजेपी में शामिल होना चाहते थे लेकिन उनके विधायक राजी नहीं थे इसलिए उन्होंने तीसरा मोर्चा बनाने, नई पार्टी बनाने और राजस्थान में कांग्रेस को खत्म करने के बारे में सोचा। तीन महीने पहले कांग्रेस छोड़ने वाले पायलट और बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि युवा नेताओं को धैर्य दिखाना चाहिए और नेताओं पर भरोसा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आपको पार्टी के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए और पार्टी ने आपको बहुत कुछ दिया है।

गहलोत ने कहा कि मैं तीन बार केंद्रीय मंत्री, तीन बार पीसीसी प्रमुख, तीन बार एआईसीसी महासचिव और तीन बार सीएम रहा हूं क्योंकि मैं एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में पार्टी में आया हूं। हमारी पीढ़ी के नेताओं ने कड़ी मेहनत की और पार्टी और उनकी विचारधारा के प्रति निष्ठावान रहे इसलिए हम आज जहां हैं, वहीं हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बने थे क्योंकि लोग चाहते थे और अंतत: आलाकमान ने इसका फैसला किया। उन्होंने कहा कि अगर मुझे लगा कि जनता और विधायक मेरे साथ नहीं हैं, तो मैं खुद हाईकमान को बताऊंगा। 

उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि हम अब वरिष्ठ हैं और हमें घर पर बैठना चाहिए लेकिन यह बात अप्रासंगिक है। जब हम शामिल हुए थे तब हम भी जूनियर थे और हम आज भी सक्रिय हैं। अब लोग कहते हैं कि उन्हें घर बैठना चाहिए। अगर हम राजनीति छोड़ देंगे, तो हम क्या करेंगे?

Leave a Reply