अफसर आते ही फसल रौंदने लगे, हम आंखों के सामने अपनी बर्बादी कैसे देखते : गुना दलित पीड़ित

घटना की उच्च स्तरीय जांच शुरू, आईजी डीआईजी पहुँचे
गुना में मंगलवार को हुए दलित पिटाई कांड में आईजी और कलेक्टर-एसपी को हटाए जाने के अगले दिन छह पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। गुरुवार को भोपाल से आईजी (अजाक) आईपी अरजरिया और डीआईजी एके पांडे की टीम ने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित दंपती के बयान लिए और मौके का मुआयना किया। पीड़ित राजकुमार ने बताया कि अफसरों ने आते ही फसल रौंदना शुरू कर दिया। हम अपनी आंखों के सामने यह बर्बादी नहीं देख सकते थे। डीआईजी ने बताया कि वे पता लगा रहे हैं कि दंपती के पास कीटनाशक कहां से आया। वहीं अजाक आईजी ने कहा कि वे यह जांच करेंगे कि क्या दंपती के साथ इसलिए मारपीट की गई कि वे दलित हैं या फिर मसला कुछ और है। इसी दौरान एसपी तरुण नायक ने सब इंस्पेक्टर अशोक सिंह कुशवाहा, सिपाही राजेंद्र शर्मा, पवन यादव, नरेंद्र, नीतू यादव, रानी रघुवंशी को सस्पेंड कर लाइन अटैच कर दिया। वहीं, राज्य सरकार ने मप्र औद्योगिक केंद्र विकास निगम इंदौर के एमडी व 2012 बैच के कुमार पुरुषोत्तम को गुना कलेक्टर पदस्थ किया गया है।
कांग्रेस ने जांच समिति बनाई
इस घटना की जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक समिति बनाई, जिसमें पूर्व मंत्री बाला बच्चन, कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत व सुरेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया, विधायक हीरालाल अलावा और पूर्व महापौर विभा पटेल को रखा गया है। ये 17 जुलाई को मौके पर जाकर घटना की जांच करेंगे। रिपोर्ट कमलनाथ को देंगे। कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को 1.50 लाख का चैक दिया।
राहुल, प्रियंका, मायावती ने घेरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घटना को लेकर कहा- उनकी लड़ाई इसी सोच और अन्याय के खिलाफ है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि फसल को बर्बाद करके दलित दंपति को आत्महत्या के लिए मजबूर करना शर्मनाक। वहीं प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा- गरीबों पर हमला, दलितों पर हमला, किसानों पर हमला, यही भाजपा की चाल और चरित्र है।

पैसा लेकर बोया था सोयाबीन
पीड़ित राजकुमार ने अफसराें काे बताया कि बटिया पर जमीन लेकर खेती करना ही हमारा काम है। हमें बताया गया था कि उक्त जमीन को लेकर अदालत ने फैसला कर दिया है, इसलिए कोई विवाद नहीं है। हमने पैसा लगाकर सोयाबीन बोया था। मंगलवार को कुछ अधिकारी आए और जमीन की नपाई की बात कहने लगे। अचानक फसल को रौंदना शुरू कर दिया। हम अपनी आंखों के सामने यह बर्बादी नहीं देख सकते थे।