गहलोत के राजस्थान में पायलट प्रोजेक्ट

कुछ देर में सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक: गहलोत गुट का 109, पायलट का 30 विधायकों के समर्थन का दावा
- सचिन पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में जांच कर रही एसओजी का नोटिस का मिलने के बाद से नाराज
- राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अविनाश पांडे ने कहा- हमारे पास 109 विधायकों के समर्थन पत्र, सरकार बहुमत में
जयपुर: राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कुछ देर में विधायक दल की बैठक होनी है। इसमें अनिवार्य रूप से हाजिर रहने के लिए पार्टी ने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। इसके मुताबिक, यदि कोई विधायक बिना किसी विशेष कारण के गैरहाजिर रहता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
इससे पहले रविवार शाम डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने दावा किया था कि 30 कांग्रेस विधायक उनके समर्थन में हैं और राज्य की गहलोत सरकार अल्पमत में है। इसके साथ पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मनमुटाव को भी स्पष्ट कर दिया। पायलट ने कहा कि वे सोमवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
एसओजी के नोटिस के बाद से पायलट नाराज
दरअसल, पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही एसओजी का नोटिस मिलने के बाद से नाराज हैं। उन्हें कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। इस बीच, सीएम गहलोत ने रविवार रात 9 बजे विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद गहलोत समर्थक विधायक ने दावा किया कि हमारे जितने विधायक जाएंगे, उससे ज्यादा विधायक हम भाजपा से ले आएंगे।

देर रात मुख्यमंत्री आवास में खाने पर 115 विधायक पहुंचने का सरकारी दावा
मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार रात सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास पर खाने पर बुलाया। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। करीब 115 विधायक इस रात्रि भोज में शामिल हुए हैं।
क्या है समीकरण
पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं। इसे सही मानें तो गहलोत सरकरा अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम। उधर, आरएलपी के 3 विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा 8 विधायक अपनी तरफ कर ले तो सरकार बना सकती है।