योगी सरकार में अखिलेश सरकार से 7 गुना ज्यादा एनकाउंटर हुए

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देश में 45% फेक एनकाउंटर भी उत्तर प्रदेश में होते हैं

  • योगी सरकार बनने के बाद तीन साल में 112 कथित अपराधियों की एनकाउंटर में मौत हुई
  • 2018 में देश में 22 लोग फेक एनकाउंटर में मारे गए, इनमें 17 यानी 77% यूपी के थे

कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या करने वाला गैंगस्टर विकास दुबे हत्याकांड के आठ दिन बाद शुक्रवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद पुलिस एनकाउंटर की संख्या बढ़ी है। योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। इन एनकाउंटर्स में होने वाली मौतों पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पिछले पांच साल की बात करें तो देश मेंं 2015 में सबसे ज्यादा 140 एनकाउंटर ऐसे थे, जिनके फेक होने के मामले दर्ज हुए। 

योगी के तीन साल में अखिलेश के मुकाबले 7 गुना एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस को एनकाउंटर की खुली छूट दी। इसका असर भी दिखा और विवाद भी हुए। असर ये कि जमानत पर छूटे अपराधी अपनी जमानत कैंसिल करा कर जेल जाने लगे। विवाद वही पुराने जो अधिकतर एनकाउंटर के साथ होते हैं।

जैसे वह एनकाउंटर फर्जी था या फिर उस एनकाउंटर में अपराधी नहीं निर्दोष मारा गया। बात आंकड़ों की करें तो योगी सरकार के तीन साल में एनकाउंटर में 112 मौतें हुईं। वहीं, अखिलेश सरकार के अंतिम तीन साल में किसी भी साल एनकाउंटर का आंकड़ा दहाई में भी नहीं पहुंचा। 

2018 में 77% फेक एनकाउंटर यूपी में हुए
6 जनवरी 2019 को गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया कि 2018 में भारत में 22 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 17 यानी 77% से भी ज्यादा उत्तरप्रदेश में हुए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया था कि भारत में 2000 से 2018 के बीच 18 साल में 1804 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 811 फेक एनकाउंटर यानी 45% अकेले उत्तरप्रदेश में हुए। 

योगी सरकार आने से पहले एनकाउंटर में असम-छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मौतें
योगी सरकार आने के पहले देश में सबसे ज्यादा एनकाउंटर असम, मेघालय, छत्तीसगढ़ और झारखंड में होते थे। छत्तीसगढ़ और झारखंड नक्सल प्रभावित हैं। वहीं, असम और मेघालय भी उग्रवाद प्रभावित रहे हैं। योगी सरकार आने के बाद यूपी में इन राज्यों से भी अधिक एनकाउंटर होने लगे। 

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