दिग्विजय के आरोप- जिसका शक था वह हो गया

- दिग्विजय ने कहा- यह पता लगाना आवश्यक है कि विकास ने महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना?
- जिसे मध्यप्रदेश के एक निजी सुरक्षा गार्ड ने पकड़ लिया, वो यूपी एसटीएफ के हथियार छीनकर भाग रहा था
भोपाल. उत्तरप्रदेश के कुख्यात बदमाश विकास दुबे का आज सुबह कानपुर के पास एनकाउंटर हो गया। उसके मारे जाते ही मध्यप्रदेश की राजनीति में फिर से घमासान मच गया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाते हुए कहा- जिसका शक था वह हो गया। अब राजनीतिक राज पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। उसके सरेंडर से लेकर एनकाउंटर तक की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। उसकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए।
दिग्विजय के बयान का गृहमंत्री ने दिया जवाब
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जबाव देते हुए कहा- कांग्रेस और दिग्विजय सिंह खाली बैठे हुए हैं। वह तो हर बात को लेकर बयान देने आ जाते हैं। उन्हें इससे मतलब नहीं है कि उसमें सच्चाई कितनी है। उनके पास इसके लिए कई सवाल हैं, लेकिन आम लोगों को देने के लिए उनके पास समय नहीं है। जनता ने जब उन्हें मौका दिया था, तो वे कुछ और ही करने में लगे थे। कल जिंदा पकड़ा था तो सवाल कर रहे थे। आज मर गया तो सवाल कर रहे हैं। उन्हें तो बैठे-बैठे ट्वीट करना ही आता है। यह ठीक नहीं है। जब आतंकी किसी को मारता है तो यह मातम नहीं मनाते, लेकिन उसके मरने पर मातम मनाते हैं।

हमने मध्यप्रदेश यूपी की सीमा तक सुरक्षित सौंपा था विकास को
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमने बदमाश विकास को गिरफ्तार कर सही-सलामत सुरक्षित तरीके से एमपी की सीमा के बाहर कर यूपी पुलिस को सौंप दिया था। उसके बाद उसकी जिम्मेदारी यूपी पुलिस की थी। हमारा काम उसे एमपी में कानून का पालन करते हुए यूपी पुलिस को सौंपने तक था। कल जिंदा पकड़ा था, तो सवाल कर रहे थे। आज मर गया तो सवाल कर रहे हैं। यह वह लोग हैं, जो आतंकी के मारने पर मातम नहीं मनाते, लेकिन ऐसे लोगों पर जरूर मातम मनाते हैं। उन्हें तो बैठे-बैठे ट्वीट करना ही आता है। यह ठीक नहीं है।