Indian Railways: पहली बार सौर ऊर्जा से चलेंगी ट्रेनें

अब भारतीय रेलवे जल्द ही सौर ऊर्जा की मदद से ट्रेनों के संचालन की तैयारी करने जा रहा है। रेलवे ने अबतक देश में सौर ऊर्जा की मदद से कई रेलवे स्टेशनों की बिजली की जरूरतों को पूरा किया है और कई रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा का लाभ उठा रहे हैं। मध्य प्रदेश के इटावा जिले के बीना में रेलवे ने अपनी खाली पड़ी जमीन पर 1.7 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का काम पूरा कर लिया है। 

सोलर प्लांट डीसी बिजली उत्पन्न करेगा जो एक इनवर्टर के माध्यम से एसी में परिवर्तित होगा और एक ट्रांसफार्मर के माध्यम से 25 केवी एसी की ऊर्जा को ओवरहेड ट्रेनों के ऊपर लगे बिजली के तार तक पहुंचाएगा। इस सोलर प्लांट से सालाना 24.82 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।
रेलवे को इस प्लांट से सालाना बिजली बिल में 1.37 करोड़ रुपए की बचत की उम्मीद है। बता दें कि इस परियोजना के लिए पिछले साल नवंबर में नींव रखी गई थी। फिलहाल बिना सोलर पावर प्लांट का व्यापक परीक्षण किया जा रहा है।

इस संयंत्र की मदद से 1.37 करोड़ रुपये की बचत होगी। रेलवे छत्तीसगढ़ के भिलाई में भी अपनी खाली जमीन पर 50 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगा रहा है। इसे भी केंद्र की ट्रांसमिशन यूटिलिटी से जोड़ा जाएगा। यहां मार्च 2021 तक उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। हरियाणा के दीवाना में दो मेगावाट के सौर ऊर्जा संंयंत्र में उत्पादन इस साल 31 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है।

भारतीय रेलवे ने कुछ डिब्बों की छत पर सौर ऊर्जा पैनल भी लगाए हैं। इनसे ट्रेन के डिब्बे में बिजली की आपूर्ति हो रही है। लेकिन अब तक किसी भी रेलवे नेटवर्क में ट्रेनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं किया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कुल तीन गीगावाट की क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना है।

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