गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल

दिवंगत सीओ देवेंद्र मिश्रा के परिवार का आरोप- ये गिरफ्तारी नहीं, मौत से बचाया गया; एसआई अनूप के पिता बोले- एनकाउंटर हो
- कानपुर शूटआउट में मारे गए पुलिसवालों के परिजन ने कहा- सीमाएं सील, फिर उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे
- गैंगस्टर विकास सुबह 9 बजे महाकाल मंदिर पहुंचा था, सबसे पहले सिक्योरिटी गार्ड ने पहचाना
- विकास और उसकी गैंग ने कानपुर के बिकरु में 2 जुलाई की रात 8 पुलिसवालों की हत्या की थी

प्रतापगढ़/औरैया/मथुरा. उत्तर प्रदेश के मोस्टवांटेड गैंगस्टर विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश में उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह कानपुर के बिकरु गांव में सीओ समेत आठ पुलिसवालों की हत्या करने के बाद 6 दिन से फरार था। उस पर 5 लाख रुपए का इनाम था। विकास की गिरफ्तारी के बाद सियासी पार्टियों के साथ दिवंगत पुलिसवालों के परिजन ने सवाल उठाए हैं। सीओ देवेंद्र मिश्र के रिश्तेदार कमलाकांत मिश्रा ने कहा कि ये गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि विकास को मौत से बचाया गया है।
मुझे विश्वास था कि विकास को बचा लिया जाएगा
मिश्रा ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि एक दिन पहले विकास को फरीदाबाद में देखा गया। अगले दिन वह सुरक्षित उज्जैन में महाकाल मंदिर पहुंच गया। फरीदाबाद से उज्जैन का 12 घंटे का रास्ता है। 8 पुलिसवालों की हत्या अकेले विकास या उसके गैंग ने नहीं की है। उसके साथ दूसरे लोग भी शामिल थे, जो अब तक उसे बचाते आ रहे। उन्हीं लोगों की सलाह पर विकास ने सरेंडर किया। इसको मैं पकड़ना नहीं कहूंगा, असल में उसे मौत से बचाया गया। विकास को विश्वास था कि उसे बचा लिया जाएगा। विकास का नेटवर्क एक्टिव है। इसमें शामिल लोगों की पहचान होनी चाहिए।
पीठ में छुरा मारने वालों को भी सजा मिले
मथुरा में सिपाही जितेंद्र पाल के परिजन में गुस्सा देखा गया। सभी ने कहा कि विकास को चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। पिता ने कहा कि विकास से पहले उन गद्दारों को सजा मिले, जिन्होंने पीठ में छुरा मारा है। विकास मंदिर में बेफिक्र होकर जाता है। इसके बाद उसे पकड़ लिया जाता है। पकड़े जाने पर वह चिल्लाकर अपना नाम विकास दुबे बताता है। यह गिरफ्तारी नहीं, सरेंडर है।
पुलिस विभाग में अभी भी विकास के साथी
औरैया में सिपाही राहुल के परिजन भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर संतुष्ट नहीं हैं। पिता ने विकास के उज्जैन पहुंचने पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आखिर विकास बॉर्डर सील होने के बाद भी कैसे निकल कर उज्जैन पहुंचा? इसकी जांच होनी चाहिए। पुलिस विभाग में अभी भी विकास के साथी हैं। तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी समेत सभी भितरघात करने वालों पर कार्रवाई की जाए।