देश में पहली बार कोरोना का नया रूप आया सामने

देश में पहली बार कोरोना वायरस का एक नया रूप सामने आया है। देश के सबसे बड़े अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में भर्ती रहीं एक मरीज चार बार निगेटिव होने के बाद भी उसके शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली है। यह एंटीबॉडी किसी इंसान के शरीर में तभी बन सकती है, जब वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो। करीब पांच से सात दिन एंटीबॉडी बनने में समय लगता है। यही एंटीबॉडी मरीज के शरीर में संक्रमण के खिलाफ लड़ने का काम करती है।

दिल्ली एम्स के जीरिएटिक विभाग में एक महिला मरीज कई दिन से भर्ती थीं। 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को डायबिटीज, हाइपरटेंशन के अलावा 15 दिन से कमजोरी की शिकायत थी। महिला में टीएलसी की संख्या कम हो रही थी।
डॉक्टरों ने संक्रमण संदिग्ध होने के चलते 12 दिन में चार बार आरटी-पीसीआर के जरिये कोरोना वायरस की जांच कराई लेकिन हैरानी की बात है कि एक भी जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हो सकी। यह सभी जांच दिल्ली एम्स की ही अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशाला में की गई थीं।

बार-बार रिपोर्ट निगेटिव आने और मरीज में लक्षण एक जैसे ही बरकरार रहने के चलते एक वक्त तक डॉक्टर भी चकरा गए। हालांकि इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को संक्रमित मानते हुए ही उपचार किया और पांचवीं बार एंटीबॉडी की जांच की गई।

इस जांच में मरीज के अंदर कोरोना वायरस की एंटीबॉडी पाई गई।

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